वैसे तो मुझे दोनों ही भाषाएँ आती हैं, पर हिंदी की बात कुछ अलग है । हिंदी में लिखने का मज़ा ही कुछ और है । वैसे भी आजकल अगर हम हिंदी का साथ नहीं देंगे तो क्या राज ठाकरे देंगे ? पर साथ ही एक बात और है, मैं कभी कभी ENGLISH में भी लिखना चाहूँगा, क्योंकि कुछ बातें ऐसी होती हैं जो ENGLISH में लिखनी बेहतर हैं ।
श्रुतकीर्ति सोमवंशी "शिशिर"
रायबरेली
1800 Hrs. 08.03.10
हिंदी कभी कमजोर नहीं रही... ये महानदी है अन्य भारतीय भाषाएँ इसकी सहायक नदियाँ है.
ReplyDeleteअंग्रेजी जरुर बोलिए मगर अंग्रेजी शान के खिलाफ हिंदी की गरिमा को स्थापित कीजिये.
गुड मोर्निंग के जगह सु-प्रभात, नमस्कार आदि का संबोधन अच्छा रहेगा... इमेल/चैटिंग में इसका उपयोग कीजिये...
जय हिंद.