वैसे तो हम लोग पं. जवाहर लाल नेहरु का नाम बचपन से इतनी बार सुन चुके हैं कि जब इनकी कोई उपलब्धि बताता है तो ज्यादा आश्चर्य या सम्मान प्रकट नहीं करते । पर मेरा यह मानना है कि अगर नेहरु जी हमारे पहले प्रधामंत्री न बनते तो काफी दिक्कतें आती, पर शुक्र है ऐसा हुआ नहीं । नेहरु जी ने ही भविष्य के भारत की नींव रखी थी और आज का भारत उसी नींव पर मजबूती से खड़ा है । कोई आश्चर्य नहीं होता अगर हमलोग भी पाकिस्तान की तरह "failed state" हो जाते । पर जब तक हमारे पास नेहरु जैसे लोग हैं, ऐसा होना संभव नहीं है ।
जो चीज़ नेहरु जी को सबसे अलग करती है वो है उनकी प्रतिभा पहचानने की शक्ति । उन्होंने लोगों की प्रतिभा को पहचान कर उसी के अनुरूप काम सौंपा । डॉक्टर भाभा, विक्रम साराभाई, सतीश धवन जैसे लोगों को खोजकर बड़ी बड़ी संस्थाएं बनायीं । जिनके भरोसे आज देश चल रहा है । नेहरु जी की वजह से ही आज भी एक ही देश हमारा सच्चा मित्र है, रूस । रूस ही एकमात्र देश है जिसने "न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप" में हमें सबसे पहले समर्थन प्रदान किया और रूस ने ही हमें सारी सैटेलाइट टेक्नोलोजी दी है । नेहरु जी ने ही योजना आयोग बनाया । पंचवर्षीय योजना का विचार भी नेहरु जी का ही था ।
नेहरु जी समाजवाद के प्रबल समर्थक थे । लेकिन उन्होंने समाजवाद का परिणाम भी पता था इसीलिए उन्होंने भारत में "mixed economy" की शुरुआत की । जिसके लिए हम आज भी उनके शुक्रगुज़ार रहेंगे ।
अपने जीवनकाल में उन्होंने बहुत सारे काम किये । इतनी छोटी से जगह में इतना सब लिख पाना मुमकिन नहीं है । पर नेहरु जी ने जो कुछ इस देश के लिए किया, उसके लिए ये देश सदैव उनका ऋणी रहेगा ।
नेहरु जी आधुनिक भारत के निर्माण में अच्छी भूमिका जरुर निभाई हैं. वे ज्ञानि और कोस्मोपोलिटन विचार के व्यक्तित्व थे. परन्तु वे अच्छे राजनीतिज्ञ नहीं थे. देश बंटवारे में योगदान देकर उन्होंने आने वाले अनंत वर्षों के लिए भारतीयों के भविष्य के साथ मजाक किया है. याद रखिये भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव (एक धर्म निरपेक्ष देश में) कायम रखना आज बहुत मुश्किल हो गया है.
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