पिछले एक हफ्ते में कुछ ऐसी बातें हुयीं जिनके कारण मैं ये लेख लिख रहा हूँ । मैं उन बातों का उल्लेख नहीं करूँगा , पर ये लेख है भारतीय सेना के बारे में । सबसे पहले तो मैं ये साफ़ कर दूं कि "मुझे गर्व है अपनी भारतीय सेना पर" । साथ ही ये बात मैं केवल बोलने और लिखने के लिए नहीं कह रहा हूँ । मैं ये महसूस करता हूँ । मैं दिल से इसे मानता हूँ ।
इस धरती पर अगर सबसे बड़ा बलिदान हो सकता है तो वो है जीवन का । सामान्य आदमी सोच भी नहीं सकता किसी के लिए अपनी जान देने के बारे में । पर हमारे देश के जवान जब भी देश को ज़रूरत पड़ती है तो अपनी जान तक दे डालते हैं और लोग तो उनका नाम भी नहीं जान पाते । और सबसे बड़ी बात कि ये सब वो लोग इसी देश के लिए करते हैं जहाँ स्वार्थ की पराकाष्ठा है । यहाँ लोग पड़ोसी को चाय की पत्ती देने में बुरा मान जाते हैं तो किसी के लिए अपनी जान देना तो दूर की बात है । ये वही देश है जहाँ जवानों के ताबूत बनाने में घोटाला हो जाता है । पर इन सब चीज़ों के बावजूद ये जवान अपनी जान खतरे में डालकर दिन रात मौत के साए में हमारी सुरक्षा को तत्पर रहते हैं और ज़रुरत पड़ने पर पाकिस्तान जैसे "बदजात" देश की मिट्टी पलीद भी कर देते हैं । हम उनको चाहे कुछ भी दे दें पर जो वो हमारे लिए करते हैं उसका कोई मोल नहीं है ।
इस धरती पर अगर सबसे बड़ा बलिदान हो सकता है तो वो है जीवन का । सामान्य आदमी सोच भी नहीं सकता किसी के लिए अपनी जान देने के बारे में । पर हमारे देश के जवान जब भी देश को ज़रूरत पड़ती है तो अपनी जान तक दे डालते हैं और लोग तो उनका नाम भी नहीं जान पाते । और सबसे बड़ी बात कि ये सब वो लोग इसी देश के लिए करते हैं जहाँ स्वार्थ की पराकाष्ठा है । यहाँ लोग पड़ोसी को चाय की पत्ती देने में बुरा मान जाते हैं तो किसी के लिए अपनी जान देना तो दूर की बात है । ये वही देश है जहाँ जवानों के ताबूत बनाने में घोटाला हो जाता है । पर इन सब चीज़ों के बावजूद ये जवान अपनी जान खतरे में डालकर दिन रात मौत के साए में हमारी सुरक्षा को तत्पर रहते हैं और ज़रुरत पड़ने पर पाकिस्तान जैसे "बदजात" देश की मिट्टी पलीद भी कर देते हैं । हम उनको चाहे कुछ भी दे दें पर जो वो हमारे लिए करते हैं उसका कोई मोल नहीं है ।
मेरा सलाम भारतीय सेना को । मुझे गर्व है कि हमारे देश की सुरक्षा ऐसी सेना के हाथ में है ।
भाई लेकिन सच भी तो स्वीकार करना चाहिए..क्योंकि सच कङवा होता है...मेरा मतलब ये नहीं कि मुझे भारतीय सेना पर गर्व नही है..बल्कि ये है कि अभी तक केवल सेना ही भ्रष्टाचार में लिप्त नही रही है लेकिन हम जिस देश में रह रहे है वह आज एक काजल की कोठरी होती जा रही है..एसे में सेना को अपने दामन को बचा पाना कठिन होगा..फिलहाल सेना को साफ रखने के लिए आलोचना जरुरी है..क्योकि आलोचना वह मजना है जिससे किसी की सत्य और असत्य रुपी जूठन साफ किया जा सकता है .जय हिंद जय भारत
ReplyDeletejai ho
ReplyDeleteReally awesome
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