नदिया के पार - 10

नदिया के पार - 9

नदिया के पार - 8

बाबा रे बाबा !!

Tuesday, June 28, 2011

अभी अपने ब्लॉग के लेखों पर ध्यान दिया तो पाया कि मैंने अभी तक बाबा रामदेव पर तो कुछ लिखा ही नहींऐसी महान शख्सियत के बारे में लिखने का कारण क्या हो सकता ? विचार किया तो लगा की पूरी दुनिया तो लिख ही रही है , अगर मैंने नहीं लिखा तो कौन सा बड़ा वाला पहाड़ टूट जायेगापर बात तो ये है कि मुझे तो लिखना ही है चाहे कुछौ हुई जाय तो भैया मामला ये है कि बाबा रामदेव को राजनीति का चस्का लग गवा हैऔर ये वो चस्का है जो प्रसिद्ध लोगों को बीच बीच में और बार बार लगता रहता हैदरअसल धन, ऐश्वर्य और संपदा होने के बावजूद भी यदि शक्ति हो तो ये तो वही बात है चाय में पानी हो, दूध हो, चीनी हो, इलाइची और मस्त मसाले हो पर चाय की पत्ती ही हो

तो हुआ ये है कि महान योगाचार्य और भ्रष्टाचार के धुर विरोधी बाबा रामदेव ने आजकल बड़ा रायता फैला रखा है और ये रायता उन्ही कि थाली से गिरा हैऔर तो और वो किसी को इसे साफ़ भी नहीं करने दे रहे हैंजब बाबा अपने MOST AWAITED अनशन पर बैठे तो उनका मंतव्य जनता का समर्थन प्राप्त करना थासाथ ही उन्होंने एक बात और कही थी कि वे जल्दी ही अपनी राजनैतिक पार्टी का पूरा कार्यक्रम भी घोषित करेंगेअब ये अनशन उन्होंने अपने राजनैतिक फायदे के लिए किया था या नहीं, इसका तो खुलासा नहीं हो पाया पर बाबा के अनुसार ये विदेश में जमा काले धन को भारत लाने के लिए किया गया थाइस उठा पटक से एक बात ये हुयी है कि बाबा रामदेव कि छवि थोड़ी प्रभावित हुयी हैलोग समझने लगे हैं कि इस सारे बवेले में बाबा का स्वार्थ भी निहित है


 
FREE BLOGGER TEMPLATE BY DESIGNER BLOGS