नन्हे मुन्ने बच्चे........

Saturday, August 14, 2010

15 अगस्त के मौके पर टीचर ने बच्चे से पूछा-" नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ?
बच्चे ने जवाब दिया - "मुट्ठी में है तकदीर हमारी, हमने रिलायंस का फोन लिया है । "

ट्रेन रिज़र्वेशन का झमेला


कुछ दिन पहले की बात है मुझे रिज़र्वेशन कराने का सौभाग्य (?) प्राप्त हुआ । मैं रायबरेली से दिल्ली का रिज़र्वेशन करा रहा था । ट्रेन थी पद्मावत एक्सप्रेस । घर में कहा गया जितनी जल्दी जाओगे उतनी जल्दी रिज़र्वेशन हो जायेगा । पर एक बात बता दूं कि भारत में जल्दी करने से कुछ नहीं होता । आप चाहे जितनी जल्दी पहुँच जायें , आपको रिज़र्वेशन की लाइन हमेशा उतनी ही लम्बी मिलेगी । जैसे लगता इतने लोग भौतिक विज्ञान के किसी "नियतांक" (CONSTANT) के तरह सभी तरह क्रियाओं में "स्थिर" रहते हैं या फिर कोई उनपर "PAUSE" की बटन दबा कर भूल गया है । पर मैं भी क्या करता, जाकर लग गया उस लाइन में । पर उस समय तक काउंटर खुले नहीं थे । थोड़ी देर में वो कर्मचारी आ गया पर काउंटर खोलने में उसने वही शर्म और झिझक दिखाई जो एक नव-विवाहिता अपना घूंघट खोलने में दिखाती है । फिर धीरे से जनाब हम सबसे मुखातिब हुए । सब लोग उसे मन ही मन "गरिया" रहे थे पर सबके चेहरे कुछ और ही बयां कर रहे थे ।
मैं भी लाइन में लगा था कि कब "कपाट" खुलें और मैं भी दर्शन करूं । लाइन धीरे धीरे रेंग रेंग कर आगे बढ़ रही थी । पीछे वाले आगे वालों को कोस रहे थे - " भैया , सारी इन्क्वायरी यहीं कर लोगे का??.......जल्दी कीजिये भाईसाब.......अरे !! अगर तय नहीं था काहे आ गए रिज़र्वेशन करवाने ??.....कुछ ऐसी ही बातें निकल रही थी । कुछ लोग ऐसे होते हैं जो लाइन में नहीं लगते । वो बगल खड़े रहते हैं और बिना लाइन में लगे ही अपना काम करवाना चाहते हैं । पर वे जैसे ही अपना काम करवाने के लिए काउंटर की तरफ लपकते हैं , कोई सुधी व्यक्ति उनको सुवचन चिपका देता है । और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद काउंटर तक नहीं आते , वे दूर खड़े रहते हैं और अपनी पत्नी या बहन या किसी सम्बन्धी महिला को काउंटर पर भेज देते हैं । वो महिला बिना लाइन में लगे रिज़र्वेशन करवाकर चली जाती हैं और कोई पुरुष जो लाइन में खड़ा है वो उस महिला से बदतमीजी तो कर नहीं सकता पर मन ही मन उस आदमी को ऐसे-ऐसे "सुवचन" देता हैं कि अगर कोई सुन ले तो बहरा हो जाये ।
समय बिताने के लिए कुछ लोग सचिन-धोनी का करियर बनाने लगते हैं और कुछ लोग राजनीति में नए नए आयाम जोड़ देते हैं । पर सबका ध्यान अपना नम्बर आने पर ही केन्द्रित होता है । और नम्बर आते ही अपने आस पास खड़े लोगों को ऐसे भूल जाते हैं जैसे गजिनी में आमिर खान ।और जब रिज़र्वेशन मिल जाता है तो बाकी लोगों को ऐसा महसूस करवाते हैं जैसे- "तुम लोग अभी यहीं तक पहुंचे हो? मुझे देखो मैं तो करवा भी चुका । "
पर कोई माने या ना माने रेलवे स्टेशन जाकर रिज़र्वेशन करवाना बद्रीनाथ यात्रा से ज्यादा कठिन और पुण्य देने वाला होता है ।

कश्मीर का नयापन ?

Friday, August 13, 2010

मुझे नहीं लगता कि कश्मीर में कुछ भी नया हो रहा है । सब कुछ वही पुराना है । वही दंगे, वही हत्याएं, वही कर्फ्यू, वही सहमा सा बचपन, वही विद्रोही युवा, वही मायूस बुढ़ापा । लोग कह रहे हैं कि कुछ नया हो रहा है । मैं भी यही चाहता हूँ कि कुछ नया हो । पर......

"DON'T HANG THEM NOW, WAIT FOR END CEREMONY"

Saturday, August 7, 2010

This is my appeal to the People of India, Please don't hear the news channels. They are just doing business by showing the irregularities in commonwealth games. We should support the government and try to give our best in hosting these games with warm intentions and hospitality. We all know there are so many points which show the corruption done by the officials. But its not right "TIME" to do this. We should try to help the government. This is time to show the entire world that "we are good at corruption but we can host the best Commonwealth Games too".
Just wait for the games to end, and then we can "hang them" if we want to.

INCEPTION: ONE OF THE BEST FILM IN HISTORY

Sunday, August 1, 2010

Recently i saw "Inception". Christopher Nolan has outdone himself. He has done something which none can do in future years. First "Memento" then "Batman Begins" and after that "The Dark Knight", these are some exceptional films which ensures his capability to make mind-jolting blockbusters again and again.
The films is brilliantly directed and edited. The screenplay is tremendous and plot is very good. This film is in my top rated ones. I can say it can surely land on top. ( WHAT CAN I SAY ABOUT THE GODFATHER?).
Do watch the movie.
 
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