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नदिया के पार-7
Thursday, May 19, 2011
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" मैं मुसाफिर हूँ, मुझे राह नहीं मंजिल से मतलब है "
मैं जिंदगी के सूखे खडंजों पर, अकेला चला जा रहा था...आहिस्ता आहिस्ता, दूर कहीं एक पेड़ दिखा, जो मुरझाया सा लगा, मैं उस...
"असफलताएं ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं"
असफलताएं ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं । प्रत्येक सफलता एक असफलता से जन्म लेती है । ये ज़रूरी नहीं है कि हर सफल आदमी की असफलताएं उतनी ही सार्व...
यादें भी वो सभी...
" लिखने का शौक था लिखते भी हैं अभी, वो वक़्त कुछ और था हम साथ थे कभी मुझे ये लगा था वो लौट आयेंगे, पर वो तो ले गए यादें भी वो सभी...
रुकी हवा का सबब
रुकी हुयी हवा से हमने पूछा, तुम क्यूँ रुक गयी ? हवा थोड़ा सा शरमाई और फिर चहक कर बोली-सूखे पत्तों और रेत का इंतज़ार कर रही हूँ, उन्हें भी स...
"सर्वजन" और "बहुजन" का मजाक
अभी कल लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की महारैली में देश की गरीब जनता का बाकायदा मजाक बनाया गया । रैली में मायावती जी को 1000 रु के नोटों की माल...
नूतनवर्षाभिनंदन !!
नूतनवर्षाभिनंदन !! "अनुभाव" के पाठकों, सभी मित्रों एवं प्रियजनों को मेरी तरफ से नववर्ष की हार्दिक शुभेच्छाएं !! आपको ईश्वर क...
अन्दाजा़
कभी तन्हाई से मिलकर देखना, वायदा तो नहीं, अंदाजा है मेरा, आईने की कमी महसूस ना होगी....
"शक्ति और क्षमा"
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो, कहाँ कब हारा ? क्षमाशील हो रिपु-समक्ष तुम हुये विनत जितना ही दु...
स्वतंत्र भारत के नायक : पं. जवाहर लाल नेहरु
वैसे तो हम लोग पं. जवाहर लाल नेहरु का नाम बचपन से इतनी बार सुन चुके हैं कि जब इनकी कोई उपलब्धि बताता है तो ज्यादा आश्चर्य या सम्मान प्रकट नह...
महत्वाकांक्षा
कुछ समय पहले मैंने "अल्केमिस्ट" नाम का उपन्यास पढ़ा । काफ़ी अच्छा था । पर गलती ये हो गई कि उपन्यास मैंने अंग्रेजी की बजाय हिन्दी म...
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"कुछ वैचारिक प्रतिरोध"
नदिया के पार-7
नदिया के पार-6
नदिया के पार-5
नदिया के पार-4
नदिया के पार-3
नदिया के पार-2
नदिया के पार-1
"इस देश में जनता जिसे चाहती है उसे गद्दी सौंपती है"
अब क्या कहा जाये ?
" ढाक के तीन पात "
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