अन्दाजा़

Saturday, May 26, 2012

कभी तन्हाई से मिलकर देखना,
वायदा तो नहीं,
अंदाजा है मेरा,
आईने की कमी महसूस ना होगी....

1 comment:

  1. तन्हाई की मंजिल आइना नहीं तार्रुफ़ होती है
    तन्हाई में तो आइना भी साथी मालूम पड़ता है

    http://kaveesha-izhaar.blogspot.in/

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