रुकी हवा का सबब

Monday, January 9, 2012

रुकी हुयी हवा से हमने पूछा, तुम क्यूँ रुक गयी ?
हवा थोड़ा सा शरमाई और फिर चहक कर बोली-सूखे पत्तों और रेत का इंतज़ार कर रही हूँ, उन्हें भी साथ ले जाना है l

2 comments:

  1. मैं कहाँ रुकी हूँ, बस ज़रा सा थमी हूँ
    साथ मिलने की आस में, कब से यहाँ खड़ी हूँ

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