जब तक असत्य नहीं होगा तब तक सत्य की पहचान नहीं हो पायेगी । अच्छाई के होने के लिए बुराई का होना भी आवश्यक है । अन्ना हजारे का समर्थन करने के लिए हमें हाथ में दिये और विरोधी पोस्टर लेकर सड़क पर टहलने की ज़रूरत नहीं है । हमें भ्रष्टाचार के कार्यों से स्वयं अपनी भागीदारी को समाप्त करना है । बस इस पूरे अभियान का गुरुत्व-केंद्र केवल यही है कि हम केवल अपने निजी स्तर मात्र से भ्रष्टाचार और इससे जुड़े लोगों और विचारों का बहिष्कार करें ।
तो मतलब साफ़ है अगर कोई आपसे कोई भी ऐसा काम करने को कहता है जिसमें आपको भ्रष्टाचार की बू आ रही हो तो उसे साफ़ मना कर दें । अन्ना हजारे और उनके इस अभियान को इससे बड़ा समर्थन और कुछ नहीं ।
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