"क्रांति व्यक्ति नहीं विचार से होती है"

Saturday, April 9, 2011

कहते हैं कि "जब किसी विचार का समय आ जाता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता ।" ठीक ऐसा ही हुआ है अन्ना हजारे द्वारा किये अनशन के विषय में । इस प्रकरण को देश में जो अपूर्व समर्थन और उत्साह मिला है, उसका कोई जवाब नहीं है । खासकर ऐसे समय में जब ख़बरों में केवल घोटाले ही घोटाले हों । अच्छा लगता है जब आप सच को जीतता हुआ देखते हैं । यार, हम लोग बेकार में ही कभी कभी निराश हो जाते हैं । अन्ना हजारे साहब ने जो किया है वो लाजवाब है । उन्होंने फिर सिद्ध कर दिया है कि सत्याग्रह से अच्छा और सुलभ कोई हथियार नहीं है, असत्य और अहिंसा से लड़ने के लिए । अगर अन्ना हजारे ऐसा कर सकते हैं तो ये गाँधी का देश है, हम यहाँ करोड़ों गाँधी और हजारे रखते हैं । ज़रुरत थी तो बस उस "समय" कि जो अब आ गया है । अब लगने लगा है कि हम दुबारा विश्वगुरु बन सकते हैं । क्रांति व्यक्ति नहीं विचार से होती है ।

जब आप कोई काम सच्चाई से करते हैं और उसमें शुद्ध निष्ठा समर्पित करते हैं तो सफलता ज़रूर मिलती है । मैंने तो गाँधी जी को नहीं देखा, सिर्फ थोडा बहुत पढ़ा ही है, पर पिछले 2-3 दिन में उनके विचार और कर्मठता की झलक मिल गयी है । ईमानदारी में बहुत ताकत होती है और साथ ही बेईमानी बहुत कमज़ोर होती है । क्योंकि दोनों में सन्निहित विचार बिलकुल अलग हैं ।

पिछले एक हफ्ते से इस प्रकरण पर समाचार पत्रों और टीवी ने जो व्यापक रिपोर्ट दी है वो प्रशंसनीय है । कभी कभी खोटा सिक्का भी अपना दाम दे जाता है । पर यहाँ मैं एक बात और कहना चाहूँगा । भले ही मैं बात को बेहद मजाकिए तौर पर कह रहा हूँ पर इसकी गंभीरता में 1% की भी कमी नहीं है । बात ये है कि एक हफ्ते से अन्ना हजारे के अनशन के बीच हर शहर में कुछ चिरकुट, असभ्य, सड़क-छाप, गुटका-छाप, बेहद उल्लू किस्म के, जाहिल, फटीचर, दिशाहीन, बडबोले और मानसिक व वैचारिक रूप से दिवालिये, दोयम दर्जे के टुटपुंजिया नेता सड़क पर निकल आये हैं । आम आदमी से मैं यही आशा करूँगा कि इनके बहकावे में ना आयें । ये बस पुराने वालों के "सीक्वल" हैं ।हमें हजारे जैसे लोग चाहिए , इनके जैसे तो पहले से भरे पड़े हैं ।

1 comment:

  1. HAZAARE khwahishhen aisi.... very well written piece... youth must be optimistc... PESSIMISM IS CRIME!

    ReplyDelete

Comment To Karo.....

 
FREE BLOGGER TEMPLATE BY DESIGNER BLOGS