मनमोहन: ये गिलानी आ कैसे गया ? मैंने ऐंवे ही बुलावा भेजा था । लगता है इसके पास भी कोई काम नहीं है ।
सहवाग: जिस तरह से मेरे बाल गिर रहे हैं, लगता है मुझे भी पगड़ी पहननी पड़ेगी ।
सचिन: ये लोग अपना नाटक ख़तम करें तो मैच खेला जाये । हुंह !
सचिन: ये लोग अपना नाटक ख़तम करें तो मैच खेला जाये । हुंह !
sehvag n sachin wala z just too gud... gud work chunmun...CREATIVITY KISI KI JAGIR NAHI... AKALMANDI KISI KI MOHTAJ NAHI.. TUMHARA KOI JAWAB NAHI...keep rocking.
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