भरोसे की बात

Tuesday, January 25, 2011

खबर आ रही है कि आरुषि तलवार के पिता डॉ. राजेश तलवार पर उत्सव शर्मा नाम के एक युवक ने कोर्ट परिसर में एक धारदार हथियार से हमला कर दिया सबसे पहले तो समाचार चैनल वालों को बधाई कि उनको दो-तीन दिन का मसाला मिल गया पर अचम्भे की बात तो ये है कि ये वही उत्सव शर्मा है जिसने हरियाणा के डीजीपी राठौर पर भी हमला किया था इसका ये मतलब है कि उत्सव शर्मा के हिसाब से डॉ. तलवार और डीजीपी राठौर दोनों ही दोषी हैं और हमारा न्यायिक प्रतंत्र इन "महानुभावों" को सजा देने में नाकामयाब रहा है इसलिए वो स्वयं सजा देने का कार्य कर रहा है दरअसल ये तो होना ही है मनुष्य परिणाम का भूखा होता है वो हर कार्य और विचार का परिणाम जानना चाहता है अगर परिणाम किसी न्यायिक मामले से जुड़ा हो तो धैर्य धोखा देने लगता है इसी का सीधा सा उदहारण हम आज उत्सव शर्मा के रूप में देख रहे हैं ये हमारी न्यायिक प्रणाली और सामाजिक ढांचे से आक्रोशित और क्षोभ से भरे मनुष्य का उदाहरण है आजकल जो माहौल है उससे तो संविधान से आम आदमी का भरोसा ही उठने लगा है अगर कोई समाधान नहीं आया तो ऐसा रोज़ होने लगेगा आदमी का कानून से विश्वास उठ जायेगा और सामाजिक पारितंत्र तहस नहस हो जायेगा अब ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपने लिए, अपने आस पास ऐसा माहौल न बनाएं जो हमें खुद नहीं पसंद है

1 comment:

  1. अगर कोई समाधान नहीं आया तो ऐसा रोज़ होने लगेगा.

    yathaarth hai. Bahut he badhiya likha hai.
    yeh bhi sach hai ki way log bhi aisa kuchh apne sath hona pasand nahi karte... isiliye sab kuchh chori chupke karte hain ..par muwaa kabhi kabhi sab kuchh khul jata hai.

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