मेरे पिछले पोस्ट में मैंने एक कोटेशन लिखी थी - YOU DON'T HAVE TO BELIEVE IN YOUR "GOVERNMENT" TO BE A GOOD INDIAN, YOU JUST HAVE TO BELIEVE IN YOUR "COUNTRY" दरअसल मेरा ये मानना है कि सरकार एक साधन है, जनहित के कार्यों के संपादन के लिए । पर काम तो हम सबको खुद ही करना होगा । सबसे पहले इस बात को भी मानना होगा कि यदि हम आने वाले समय में हमें नया, परिवर्तित और विकसित भारत चाहिए तो पहले खुद को परिवर्तित करना होगा । केवल सरकार को दोष देने से क्या होगा ? हम खुद अपने स्तर पर समाज के लिए क्या करते हैं ? क्या हम खुद कूड़ा नहीं फैलाते और फिर सरकार को सफाई न होने पर दोष देते हैं । सरकार के लोग कोई दूसरे ग्रह से नहीं आये हैं । वे सभी हमारे बीच में से ही हैं । वे हमारे ही प्रतिबिम्ब हैं । जैसा हम सबका रवैय्या रहता है , अपने जीवन के प्रति, दूसरों के जीवन के प्रति और देश के प्रति , वैसा ही रवैय्या सरकार का भी रहता है । तो फिर ये हो-हल्ला क्यों ? सबसे मोटी बात ये है कि हम सबको पहले खुद ऐसा कोई कार्य नहीं करना है जो हम खुद नहीं चाहते कोई और करे क्योंकि
" परिवर्तन खुद से शुरू होता है "
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